जिनने धोखे से घुस आये
दुश्मन को मार भगाया है
जिनने दुश्मन के कब्जे से
अपना क्षेत्र छुड़ाया है
प्राणों की परवाह किये बिना
जो दुश्मन से टकराये हैं
दुर्गम पहाड़ों की चोटी पर
तिरंगा फहराये हैं
जिनने विपदा को अवसर
गौरवगाथा का बनाया है
जिन वीर सपूतों ने माता का
दूध नहीं लजाया है
सरकार, देश की जनता की
आशाओं पे जो खरे उतरे
सहज भाव से असंभव को भी
जो संभव कर गुजरे
प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थिति में
अविचलित, अडिग जो डटे रहे
गोली सीने पर आयी मगर
ठिठके न तनिक बस बढ़ते रहे
जिनने सर्वोच्च बलिदान दिया
उन वीर सपूतों की जय हो
जो लड़े देश की रक्षा हित
उन रणबाँकुरों की जय हो
सम्मान हृदय से देश की सेना,
अफसर, वीर जवानों का
बलिदानी वीर सपूतों का
आज़ादी के परवानों का
कारगिल के योद्धाओं की जय
हर अफसर, सैनिक की भी जय
भारतमाता की आन बान
और शान तिरंगे की हो जय
विजय दिवस की बेला पर
गौरव, सेना का ध्यान करें
आओ हम सभी देशवासी
दिल से उनका सम्मान करें
जयहिन्द
कलम से–
प्रेमसिंह ‘गौड़’
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Jai Hind🇮🇳