बारिश कितनी अजीब हैं ना।
जब नही आती तब हमे कितनी बेसब्री से इसका इंतजार रहता हैं , और जब पहली बारिश आती हैं तो उसकी वो महक बस दिल खुश कर देती हैं,
ऐसा लगता हैं की मानो ये बारिश थम ना जाए , बस ऐसे ही होते रहे और हम बस इसको निहारते रहे।
बारिश में भीगने का मजा भी अलग ही आता है उसको कोई भी शावर मैच नही कर सकता , और जब बारिश ज़रूरत से ज्यादा आ जाती हैं तो लगता हैं की नही इतनी नही आनी चाहिए थी , वो बस तब तक अच्छी लगती हैं जब तक हमको उससे कोई प्राब्लम नही होती , इसी तरह हमारे लिए कोई चीज तब तक अच्छी हैं जब तक वो एक हद मैं हैं , जब वो चीज हद से ज्यादा होने लगती हैं तो वो गलत हैं
इसीलिए हमे किसी भी चीज को हद से ज्यादा नहीं मांगना चाहिए, हद एक हद तक ही अच्छा हैं ।
राधे कृष्णा
Comments